वर्ण –भारत की सबसे प्राचीन भाषा संस्कृत है | संस्कृत भाषा को सभी भाषाओं की जननी कहा जाता है | हमारी राष्ट्रभाषा हिंदी भी संस्कृत भाषा से ही विकसित हुई है | भाषा का प्रयोग अपनी बात कहने ( बोलकर या लिखकर ) और दूसरे की बात समझने ( सुनकर या पढ़कर ) के लिए किया जाता है | भाषा के रूप - मौखिक लिखित संस्कृत वर्ण माला कुल 46 वर्ण है , जिनहें दो भागों में विभाजित किया जाता है –स्वर एवं व्यंजन | स्वर- स्वर वे वर्ण होते है , जिनका उच्चारण (बोलने ) करते समय किसी अन्य वर्ण की सहायता नहीं लेनी पड़ती है संस्कृत वर्णमाला में स्वरों की कुल संख्या 13 हैं -अ आ इ ई उ ऊ ऋ ऋ लृ ए ऐ ओ औ स्वरों के प्रकार – 3 के होते हैं – 1 ह्रस्व स्वर 5 होते हैं – अ , इ , उ , ऋ , लृ 2 दीर्घ स्वर 4 होते हैं - आ , ई , ऊ , ऋ 3 संयुक्त स्वर 4 ...